Motivation In Hindi: अभिप्रेरणा का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, प्रकृति » Hindikeguru (2024)

motivation in hindi: अभिप्रेरणा का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, प्रकृति what is motivation, motivation क्या है, अभिप्रेरणा क्या है,abhiprerna kya hoti hai

Contents show

motivation का सीधा संबंध उत्तेजना (Stimulus) से हैं। क्योंकि किसी भी कार्य को करने से पहले किसी भी व्यक्ति के अंदर या बाहर उस कार्य को करने का उत्तेजना उत्पन्न होता है तभी वह व्यक्ति मोटिवेशन या अभिप्रेरित या प्रेरणा पाकर उस कार्य को करने में सफल होता है सीधे तौर पर कह सकते हैं कि मनुष्य का हर एक प्रतिक्रिया या व्यवहार का कारण कोई न कोई उत्तेजना से संबंध आवश्य होता है चाहे वह आंतरिक अभिप्रेरणा हो या बाह्य अभिप्रेरणा।
इसे हम एक उदाहरण के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं। एक कवि कविता लिखने के लिए हाथ में कलम लिए बैठा है, मौसम भी अच्छा है, लिखने का विषय भी स्पष्ट है, सभी सामग्री तैयार हैं, पर वह लिख नहीं पा रहा है क्योंकि उसे उस विषय पर लिखने के लिए वह प्रेरित नहीं हो पा रहा है उसके अंदर किसी भी प्रकार का उत्तेजना उत्पन्न ही नहीं हो पा रही है ये उत्तेजना उसे किसी भी प्रकार से प्राप्त हो सकता है जैसे- कर्तव्य बोध से, अपनों के प्रति स्नेह के कारण या किसी प्रेमिका की आंखों में चढ़ जाने की आकांक्षा के कारण या अपने मन की शांति व सुख के लिये किसी भी प्रकार से उसके अंदर उत्तेजना या अभिप्रेरणा जागृत होने पर उसका हाथ खुद ब खुद चलने लगेगा। या फिर इसलिए भी वह नहीं लिख पा रहा है क्योंकि अकेले मनुष्य ऊब जाता है, जीवन बोझ लगने लगता है, संसार की झंझटों से तंग आ जाता है। वह चाहता है कि कोई उसे प्रेरणा दें, कोई कंधे पर हाथ रखे या पीठ ठोंके ताकि वह उत्तेजित होकर फिर से खड़ा हो सके। कार्य सरल हो या कठिन बिना प्रेरणा के नहीं हो सकता। जिस व्यक्ति के व्यवहार में जितना ज्यादा उत्तेजना या प्रेरणा उत्पन्न होगा वह उतनी ही तेजी से उस कार्य को करने लगेगा।
जीवन के समस्त व्यवहारों में आंतरिक या बाह्य प्रेरणा (motivation) काहाथ अवश्य रहता है। मां बालक के पालन पोषण में दिन रात लगी रहती है, उसे नहलाती-धुलाती है, बालक बीमार होने पर रात-रात भर जागती है। यह बच्चे के प्रति मां का व्यवहार प्रेरणा का ही परिणाम है। परीक्षा से पहले विद्यार्थी सारी-सारी रात पढ़ता है इसके पीछे का कारण प्रेरणा ही है। अध्यापक छात्र को कक्षा में बैठने के लिए तो मजबूर कर सकता है लेकिन उसे पढ़ने के लिए तब तक बाध्य नहीं कर सकता जब तक कि उसमें स्वयं ही पढ़ने के प्रति रुचि उत्पन्न ना हो जाए। जैसे आप घोड़े को तलाब तक खींच कर ले तो जा सकते हैं पर उसे पानी पीने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। अतः हम कह सकते हैं कि motivation या अभिप्रेरणा मानव के अंदर या बाहर उत्पन्न होने वाली उत्तेजना है जो उसे प्रेरित करती है, किसी भी कार्य को करने या ना करने के लिए।

Motivation In Hindi: अभिप्रेरणा का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, प्रकृति » Hindikeguru (1)

motivation meaning in hindi, motivation ka arth,abhiprerna ka arth bataiye (अभिप्रेरणा का अर्थ) :

motivation अंग्रेजी भाषा का शब्द है। जिसकी उत्पत्ति लैटिन भाषा की शब्द मोटम (motum) से हुई है। जिसका अर्थ है मूव (move), मोटर(motor), या मोशन (motion)

प्रेरणा का शाब्दिक अर्थ गति का बोध कराना है जैसी कि प्राणी का कोई भी व्यवहार बिना किसी कारण के घटित नहीं होता यह कारण ही उद्दीपक कहलाता है। और प्रेरक विकसित होता है जब व्यक्ति जन्म लेता है, तो सामाजिक प्रेरक लेकर आता है, और बाह्य दण्ड एवं आरोप, पुरस्कार व प्रशंसा, सम्मान है और अभिप्रेरणा से संबंधित व्यवहार के लक्षण उत्सुकता है।यह एक शक्ति है जो व्यक्ति में प्रबल इच्छा जागृत कर स्वेच्छा से इस प्रकार कार्य करने की प्रेरणा उत्पन्न करती है कि विशिष्ट उद्देश्यों की प्राप्ति कर सके।यह नकारात्मक एवं सकारात्मक हो सकती है। मूलतः अभिप्रेरणा उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए होती है तथा यह लोगों को कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

अभिप्रेरणा किसे कहते हैं,अभिप्रेरणा की परिभाषा बताइए,abhiprerna ki paribhasha, abhiprerna kise kahate hain,definition of motivation

गुड के अनुसार: “प्रेरणा क्रिया को आरंभ करने, जारी रखने एवं नियमित रखने की प्रक्रिया है।”

थॉमसन के अनुसार: “प्रेरणा विद्यार्थी में रुचि उत्पन्न करने की एक कला है,ऐसी रुचि जो या तो छात्र में है ही नहीं रुचि का उसे आभास ही नहीं है।”

स्किनर के अनुसार: “प्रेरणा सीखने के लिए राजमार्ग है।”

गेट्स व अन्य के अनुसार: “प्रेरक प्राणी के अन्दर की वे शारीरिक तथा मनोवैज्ञानिक द्वारें हैं जो उसे विशिष्ट प्रकार की क्रिया करने के लिये प्रेरित करती हैं।”

types of motivation, abhiprerna ke prakar in hindi,अभिप्रेरणा के प्रकार बताइए,अभिप्रेरणा कितने प्रकार के होते हैं,types of motivation in hindi

अभिप्रेरणा को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है-

1. सकारात्मक प्रेरणा (positive motivation) या आंतरिक अभिप्रेरणा (intrinsic motivation)

2. नकारात्मक प्रेरणा (negative motivation) या बाह्या अभिप्रेरणा (exintrinsic motivation)

1. सकारात्मक प्रेरणा (positive motivation) या आंतरिक अभिप्रेरणा (intrinsic motivation) :

आंतरिक अभिप्रेरणा से तात्पर्य मनुष्य के शारीरिक तथा जैविक अभिप्रेरणा से हैं जैसे भूख, प्यास, आत्मरक्षा एवं काम से हैं। इस प्रेरणा में बालक किसी भी काम को अपने स्वयं की इच्छा से ही करता है तथा इस प्रकार के कार्य को करने में उसे सुख शांति और संतोष प्राप्त होता है। कोई भी शिक्षक विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन तथा स्थितियों का निर्माण करके बालक के अंदर सकारात्मक अभिप्रेरणा उत्पन्न करता है। सकारात्मक प्रेरणा को आंतरिक प्रेरणा (intrinsic motivation) भी कहते हैं।

2. नकारात्मक प्रेरणा (negative motivation) या बाह्या अभिप्रेरणा (exintrinsic motivation) :

बाह्य अभिप्रेरणा से तात्पर्य मनुष्य के पर्यावरणीय अथवा मनोसामाजिक अभिप्रेरणा से है जिसमें बालक के अंदर से नहीं बल्कि किसी बाह्य प्रेरणा से प्रभावित होकर वह किसी भी काम को करने में सफल होता है जैसे आत्म सम्मान सामाजिक स्तर एवं इंजीनियर डॉक्टर वकील नेता यह अभिनेता आदि बनने की इच्छा। इस प्रकार के प्रेरणा से बालक किसी कार्य को अपनी मर्जी से या स्वयं से ना करके किसी दूसरे की इच्छा या बाह्य प्रभाव के कारण करता है इस कार्य को करने से उसे वांछनीय या निश्चित लक्ष्य की प्राप्ति होती हैं। एक शिक्षक किसी भी बालक की प्रशंसा, निंदा, पुरस्कार, प्रतिद्वंदिता आदि का प्रयोग करके बालक को नकारात्मक प्रेरणा प्रदान करता है। इस प्रेरणा को बाह्य अभिप्रेरणा (exintrinsic motivation) भी कहते हैं।

इनके अलावा भी विभिन्न विद्वानों ने अभिप्रेरणा के प्रकार या अभिप्रेरणा का वर्गीकरण(types of motivation) अपने-अपने ढंग से प्रस्तुत किया :

१. थॉमसन द्वारा किया गया वर्गीकरण:

क) प्राकृतिक अभिप्रेरक (Natural motives)

ख) कृत्रिम अभिप्रेरक (Artificial motives)

क) प्राकृतिक अभिप्रेरक (Natural motives) :

प्राकृतिक अभिप्रेरक किसी भी व्यक्ति में जन्म से ही पाया जाता है जैसे:- भूख प्यास सुरक्षा आदि अभिप्रेरक मानव जीवन का विकास करता है।

ख) कृत्रिम अभिप्रेरक (Artificial motives) :

इस प्रकार के अभी प्रेरक वातावरण में से विकसित होते हैं और इसका आधार भी प्राकृतिक अभिप्रेरक होते हैं परंतु सामाजिकता के आवरण में इनके अभिव्यक्ति कारण स्वरूप बदल जाता है जैसे समाज में मान प्रतिष्ठा प्राप्त करना, सामाजिक संबंध बनाना आदि।

२. मैस्लो द्वारा किया गया वर्गीकरण:

मैस्लो ने भी अभिप्रेरक को दो भागों में बांटा है:-

क) जन्मजात अभिप्रेरक(Inborn motives)

ख) अर्जित (Acquired)

क) जन्मजात अभिप्रेरक(Inborn motives) :

मैस्लो ने जन्मजात अभिप्रेरक के संबंध में कहा मानव का भूख, नींद, प्यास, सुरक्षा, प्रजनन आदि जन्मजात अभिप्रेरक हैं।

ख) अर्जित (Acquired) :

अर्जित अभिप्रेरणा से तात्पर्य मानव वातावरण से जो कुछ भी प्राप्त करता है वह इसके अंतर्गत आते हैं मैस्लो अर्जित (Acquired) अभिप्रेरक को दो भागों में बांटा है

i. सामाजिक: सामाजिक अभिप्रेरकों के अंतर्गत सामाजिकता , युयुत्सु और आत्मस्थापना आदि आता है।

ii. व्यक्तिगत: व्यक्तिगत अभिप्रेरकों में आदत रूचि अभिवृत्ति तथा अचेतन अभी प्रेरक आते हैं।

३. क्रेच एवं क्रचफील्ड द्वारा दिया गया वर्गीकरण:

क्रेच एवं क्रचफील्ड ने भी अभिप्रेरणा को दो भागों में बांटा है-

क) न्यूनतम:

क्रेच एवं क्रचफील्ड के अनुसार- न्यूनता का अभिप्रेरक आवश्यकताओं से संबंधित है जिनके द्वारा चिंता, डर धमकी या और कोई मानसिक द्वंद्व दूर हो जाता है इसका संबंध मानव का संसार में रहना तथा सुरक्षा प्राप्त करना है।

ख) अधिकतम अभिप्रेरक:

क्रेच एवं क्रचफील्ड के अनुसार-अधिकता के अभिप्रेरक का उद्देश्य संतोष प्राप्ति सीखना अवबोध अन्वेषण तथा अनुसंधान रचना एवं प्राप्ति है। इस प्रकार के अभिप्रेरणा का संबंध संतोष एवं उत्साह से है।

Nature of motivation, अभिप्रेरणा की प्रकृति

अभिप्रेरणा की प्रकृति को निम्न बिंदुओं की सहायता से स्पष्ट किया जा सकता है:

  1. अभिप्रेरणा से परिणाम एवं प्रक्रिया दोनों ही उत्पन्न होता हैं।
  2. अभिप्रेरणा का जन्म किसी न किसी आवश्यकता से होता है।
  3. अभिप्रेरणा किसी व्यक्ति को तब तक क्रियाशील रखती है जब तक कि उसके उद्देश्य की प्राप्ति नहीं हो जाती है।
  4. अभिप्रेरणा का उत्पन्न करने वाले कारकों को मनोवैज्ञानिक भाषा में अभिप्रेरक कहते हैं।
  5. अभिप्रेरकों को दो भागों में विभाजित किया जाता है पहला आंतरिक अभिप्रेरणा दूसरा बाह्या अभिप्रेरणा।
  6. किसी भी मनुष्य के अंदर चाहे वह आंतरिक अभिप्रेरणा या बाह्य अभिप्रेरणा हो इन से उत्पन्न अभिप्रेरणा हमेशा आंतरिक ही होती है।
  7. अभिप्रेरणा मानव के अंदर उत्पन्न होने वाली उत्तेजना होती है जो उसके व्यवहार में परिवर्तन कर देती हैं जिस व्यक्ति में जितना ज्यादा उत्तेजना उत्पन्न होगा वह व्यक्ति उस कार्य को उतनी ही तेजी से कर पाएगा।
  8. कोई भी व्यक्ति आंतरिक या बाह्या उत्तेजना से प्रभावित होकर ही अपने कामों को अंजाम देता है अगर उसके अंदर किसी भी प्रकार की उत्तेजना उत्पन्न नहीं होगी तो वह उस कार्य को कर नहीं पाएगा या उसे करने में उसका मन नहीं करेगा।
  9. अभिप्रेरणा किसी भी व्यक्ति के अंदर एक ऐसी शक्ति या ऊर्जा उत्पन्न कर देती है कि वह अपने अंदर कि शक्तियों को महसूस कर अपने कामों में या अपने लक्ष्यों में दिलचस्पी दिखाता है।

अभिप्रेरणा की विशेषताएं बताइए

  1. व्यक्ति के जीवन में अभिप्रेरणा का अत्याधिक महत्व है।
  2. जीवन में किए जाने वाले कोई भी रूचि पूर्ण कार्य अभिप्रेरणा से प्रेरित होकर किया जाता है।
  3. प्राणी के व्यवहार को अभिप्रेरणा के द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
  4. सफलता प्राप्त करने वाले छात्रों के व्यवहार पूर्ण से अभिप्रेरित होते हैं।
  5. आज अभिप्रेरणा शिक्षा मनोविज्ञान तथा वाणिज्य के क्षेत्र में अत्याधिक महत्वपूर्ण विषय हैं ।

👇

इन्हें भी पढ़ें

  • थार्नडाइक का उद्दीपन अनुक्रिया सिद्धांत(thorndike theory of learning in hindi )
  • पावलव का अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धांत (pavlov theory of classical conditioning in hindi)
  • स्किनर का क्रिया प्रसूत अनुबंधन सिद्धांत skinner operant conditioning theory in hindi
  • मैस्लो का अभिप्रेरणा सिद्धांत
  • अभिप्रेरणा की विधियाँ या कक्षा में बच्चों को अभिप्रेरित करने की विधियांtechniques of motivation
Motivation In Hindi: अभिप्रेरणा का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, प्रकृति » Hindikeguru (2024)

FAQs

अभिप्रेरण क्या है और इसके प्रकार? ›

अभिप्रेरण (motivation) का अर्थ किसी व्यक्ति के लक्ष्योन्मुख (goal-oriented) व्यवहार को सक्रिय या उर्जान्वित करना है। मोटिवेशन दो तरह का होता है - आन्तरिक (intrinsic) या वाह्य (extrinsic)। अभिप्रेरण के बहुत से सिद्धान्त हैं।

अभिप्रेरणा का अर्थ क्या होता है? ›

अभिप्रेरणा लक्ष्य-आधारित व्यवहार का उत्प्रेरण या उर्जाकरण है। अभिप्रेरणा या प्रेरणा आंतरिक या बाह्य हो सकती है। इस शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर इंसानों के लिए किया जाता है, लेकिन सैद्धांतिक रूप से, पशुओं के बर्ताव के कारणों की व्याख्या के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

अभिप्रेरणा की प्रकृति क्या है? ›

प्रेरणा की प्रकृति:

प्रेरणा एक मनोवैज्ञानिक घटना है जो एक व्यक्ति के भीतर उत्पन्न होती है। एक व्यक्ति को कुछ जरूरतों की कमी महसूस होती है, जिससे वह संतुष्ट होता है कि वह अधिक काम कर रहा है। अहंकार को संतुष्ट करने की आवश्यकता किसी व्यक्ति को सामान्य रूप से बेहतर करने के लिए प्रेरित करती है।

अभिप्रेरण से आप क्या समझते हैं अभिप्रेरणा के किन्हीं दो सिद्धांतों पर चर्चा करें? ›

दूसरे शब्दों में अभीप्रेरणा एक आंतरिक शक्ति है , जो व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित करती है। इसलिए अभिप्रेरणा ध्यानाकर्षण या लालच की कला है , जो व्यक्ति में किसी कार्य को करने की इच्छा एवं जिज्ञासा उत्पन्न करती हैअभिप्रेरणा का संबंध किसी व्यवहार के प्रारंभ करने , दिशा इंगित करने तथा व्यवहार को बनाए रखने से हैं

प्रेरणा कितने प्रकार के होते हैं? ›

प्रेरणा के प्रकार

(1) सकारात्मक, और (2) नकारात्मक

प्रेरणा के 4 मुख्य सिद्धांत क्या हैं? ›

आवश्यकता-आधारित श्रेणी में चार प्रमुख सिद्धांत हैं: मास्लो का आवश्यकताओं का पदानुक्रम, ईआरजी सिद्धांत, हर्ज़बर्ग का दोहरा कारक सिद्धांत, और मैक्लेलैंड का अर्जित आवश्यकता सिद्धांत।

प्रेरणा के 2 मुख्य प्रकार क्या हैं? ›

प्रेरणा के विभिन्न प्रकार. हम चीजों को दो प्रेरक प्रकारों में विभाजित कर सकते हैं: आंतरिक और बाह्य

अभिप्रेरणा के उद्देश्य क्या हैं? ›

प्रेरणा का उद्देश्य ऐसी परिस्थितियाँ बनाना है जिनमें लोग उत्साह, पहल, रुचि और उत्साह के साथ काम करने के इच्छुक हों।

प्रेरणा का क्या महत्व है? ›

प्रेरणा हमारा लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करती है। यह हमारे अन्दर उर्जा भरती है जो हमें प्रेरित करती है और हमारा रास्ता आसन बनाती है। प्रेरणा उम्मीद भरती है और यदि कोई व्यक्ति आशाजनक है, तो वह कुछ भी कर सकता है और एक अलग ही स्तर के आत्मविश्वास से भर जाता है।

अभिप्रेरणा सिद्धांत के दो प्रकार कौन से हैं? ›

प्रेरणा सिद्धांत के दो महत्वपूर्ण प्रकार हैं: सामग्री और प्रक्रिया । प्रेरणा के सामग्री मॉडल इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि लोगों को अपने जीवन में क्या चाहिए (अर्थात उन्हें क्या प्रेरित करता है)। प्रक्रिया सिद्धांत मनोवैज्ञानिक और व्यवहारिक प्रक्रियाओं को देखते हैं जो व्यक्ति की प्रेरणा को प्रभावित करते हैं।

2 अभिप्रेरणा कितने प्रकार के होते हैं? ›

अर्जित अभिप्रेरणा दो प्रकार की होती है
  • व्यक्तिगत अभिप्रेरणा
  • सामूहिक अभिप्रेरणा
Oct 7, 2021

अभिप्रेरणा के कितने घटक होते हैं? ›

अभिप्रेरणा के तीन प्रमुख घटक होते हैं:

दृढ़ता (Persistence) - सक्रिय प्रक्रिया को जारी रखना। 3. तीव्रता (Intensity) - प्रयास, ऊर्जा, बल और भावनाओं की मात्रा।

अभिप्रेरणा के कितने तत्व होते हैं? ›

अभिप्रेरणा में तीन तत्व शामिल है-

अभिप्रेरणा पूर्वानुमान उद्देश्य द्वारा वर्णित होती है। अभिप्रेरणा व्यक्ति के अंदर शक्ति परिवर्तन से आरंभ होती है। अभिप्रेरणा भावनात्मक जागृति द्वारा वर्णित होती है।

References

Top Articles
Latest Posts
Article information

Author: Jeremiah Abshire

Last Updated:

Views: 6358

Rating: 4.3 / 5 (54 voted)

Reviews: 93% of readers found this page helpful

Author information

Name: Jeremiah Abshire

Birthday: 1993-09-14

Address: Apt. 425 92748 Jannie Centers, Port Nikitaville, VT 82110

Phone: +8096210939894

Job: Lead Healthcare Manager

Hobby: Watching movies, Watching movies, Knapping, LARPing, Coffee roasting, Lacemaking, Gaming

Introduction: My name is Jeremiah Abshire, I am a outstanding, kind, clever, hilarious, curious, hilarious, outstanding person who loves writing and wants to share my knowledge and understanding with you.